कविता से पहले-  राम पर कविता करने की सोचते ही शम्स मीनाई की वो पंक्तियां दिमाग में दौड़ जाती हैं मैं राम पर लिखूं मेरी हिम्मत नहीं है कुछ तुलसी ने ...

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