1 Part
274 times read
3 Liked
चल अब लक्ष्य को चुन, मंज़िल अब भी दूर खड़ी ख्वाब जो देखें थे अब पूरा करने की आयी है वो घड़ी संघर्ष ही वो पहिया हैं जिसके सहारे ही मझधार ...