वर्ण पिरामिड

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(१) है अब बहुत बहुरंगी दुनियादारी कैसे-कैसे लोग समझना मुश्किल (२) है जेठ तपता अंशुमान भीषण गर्मी मन बेचैन सा चिलचिलाती धूप (३) है मन बावरा पल-पल चलायमान सितारों के पार ...

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