लेखनी प्रतियोगिता -29-Jan-2022 नारी की मुस्कान

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अपनी झूठी मुस्कान से सारे घर की ,खुशियां बांधे रखती है।  ऐसी होती है नारी….दिल में होता है दर्द अधरों पर मुस्कान छाई रहती है। आंखों के मोतियों को चुपके से ...

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