1 Part
334 times read
9 Liked
ग़ज़ल तमाम रास्ते घर का ख़याल आता रहा पहुँच गये तो सफ़र का ख़याल आता रहा बुरे दिनों में हवा ने हमें संभाला मगर हमें चराग़े सहर का ख़याल आता रहा ...