उपन्यास-गोदान-मुंशी प्रेमचंद

121 Part

149 times read

1 Liked

13 खन्ना खिसियाकर बोले -- अजी, उनके पास एक पैसा भी न होगा। कौन जानता था कि यहाँ आप तलाशी लेना शुरू करेंगे? 'ख़ैर आप ख़ामोश रहिए। हम अपनी तक़दीर तो ...

Chapter

×