121 Part
150 times read
1 Liked
27 'पुराने रुपए होते ठाकुर, तो महाजनी से अपना गला न छुड़ा लेता, कि सूद भरते किसी को अच्छा लगता है। ' 'गड़े रुपए न निकलें चाहे सूद कितना ही देना ...