प्रेमचंद साहित्यः अलंकार

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अलंकार 19 मार्कस-\'परमात्मा को विदित था कि जूदा, बिना किसी के दबाव के कपट कर जायेगा, अतएवं उसने जूदा के पाप को मुक्ति के विशाल भवन का एक मुख्य स्तम्भ बना ...

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