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बाहरी दुनिया कैद जब तक रही, दुख हर पल सही। आजाद पिंजरे से हो, भरने को हैं उड़ान ।। खुला नभ प्रिय लगा, मन में उमंग जगा। बाहरी दुनिया लगी, कुछ ...