विरह की बेला कैसे लिखूँ

1 Part

189 times read

6 Liked

कोई स्याही विरह को लिख न सकी, बड़ा मुश्किल है शब्दों में इसे बोलना। कोई माप ऐसा मिल न सका , विरह का आकलन जो कर सका, बड़ा मुश्किल है जज्बों ...

×