32 Part
146 times read
1 Liked
६: अवरोध में “किमित्यपास्या भरणानि यौवने धृतं त्वया वार्द्धक शोभि वल्कलम्। वद प्रदोषे स्फुट चन्द्र तारका विभावरी यद्यरुणाय कल्पते॥” —कुमारसंभव। यह सभीको अवगत है कि किसी समय सप्तग्राम महासमृद्धशालिनी नगरी थी। ...