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४: राज निकेतन में “पत्नी भावे आर तुमि भेवो ना आमारे” —वीराङ्गना काव्य। मोती बीबी यथा समय आगरे पहुँची। अब इसे मोती कहनेकी आवश्यकता नहीं है। इन कई दिनोंमें उसकी मनोवृत्ति ...