प्रेमचंद साहित्यः अलंकार

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3 उसे रात भर नींद नहीं आयी और थायस को उसने उससे भी स्पष्ट रूप में देखा जैसे परियों के कुंज में देखा था। उसने इन शब्दों में अपनी आत्मस्तुति की-मैंने ...

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