समर्पण

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मैं तेरे शहर में *****तेरा नाम लिए बैठा हूं। बंद लिफाफे में*****अपने दिल का एक पैगाम लिए बैठा हूं। न हो जाए तू कहीं रूसवा****अपने सर  सब इल्जाम लिए ******बैठा हूं ...

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