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*ऋतु बसंत शुभ आयो रे* धरती में हरितीमा छायो,ऋतु बसंत शुभ आयो रे। जन-जन में आनंद लायो,ऋतु बसंत शुभ आयो रे। आम्र मौर की स्वर्णिम आभा,लगे मंद मंद मुस्काये। फुदक रही ...