उपन्यास-गोदान-मुंशी प्रेमचंद

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दारोग़ाजी ने एक मिनट तक विचार करके कहा -- तो फिर उसे सताने से क्या फ़ायदा। मैं ऐसों को नहीं सताता, जो आप ही मर रहे हों। पटेश्वरी ने देखा, निशाना ...

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