विरह प्रभात

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विरह प्रभात आज मिलन की रात  सजन, कल विरह प्रभात होगा। ना जाने कब तुमसे पुनः, अब  यूं  प्रेम   मिलाप होगा। ये रात  कितनी  हसीन है , जो मुझे   छले जा ...

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