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हाॅ॑.... मैं ही हूॅ॑... वो अदृश्य लड़की... जो मिलती है... हर गली में... हर मोहल्ले में... मेरी कोई गुंजाइश नहीं... मेरी कोई ख्वाहिश नहीं... मैं तो हूॅ॑ बस एक श्राप.. ज़माने ...