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विधा कविता नीली छतरी वाला खुल गए बाजार सारे दिल के दरवाजे खोल दो दिन की है जिंदगी मधुर मधुर बोल जिसके हाथ में डोर प्यारे नीली छतरी वाला बैठा खेल ...