उपन्यास-गोदान-मुंशी प्रेमचंद

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गोदान मिसेज़ खन्ना दबी ज़बान से बोली -- जब नशा ठहर जाय, तो कहिए। मेहता ने विरक्त भाव से कहा -- मेरे जैसे किताब कीड़ों को कौन औरत पसन्द करेगी देवीजी! ...

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