लेखनी कविता विकास -11-Feb-2022

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✍🏻विकास (तरक्की)✍🏻 ✍🏻 अपने ही हाथों ✍🏻 अपने ही हाथों से कर दिया धरती का दमन, तरक्की के चक्कर में दानव बन बैठा मानव-मन, अब धरती धधक रही है उनके ही ...

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