लेखनी कहानी -11-Feb-2022ग़ज़ल

1 Part

238 times read

8 Liked

🌹🌹🌹* ग़ज़ल * 🌹🌹🌹 ह़रीफ़ों    'की    नवाज़िश   हो  'रही  है। मिरे   ग़म   की   'नुमाइश    हो  रही  है। ग़म - ए - दुनिया  'रुलाते  हैं 'मुसलसल। मगर   'हँसने  'की  ...

×