परवाह थी तुम्हारी

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मजबूर थे हम मोहब्बत में इतना  तेरी हर बात को सहते रहे l तेरे हर जख़्म को सीने से लगा के सुलगते रहे  तुझे मोहब्बत भी थी कभी, हम ता उम्र ...

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