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कविता का शीर्षक-आमदनी आमदनी कुछ नहीं लेकिन खर्चे बेहिसाब हैं। जिंदगी जीने की इस जद्दोजहद में, हम अकेले नहीं, हम जैसे हज़ार हैं। जितनी भी मेहनत कर लें दिन भर, कुछ ...