अधूरी चाहत

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चाहकर भी कभी उसकी खामोशी ना समझ पाए, मुस्कुराहटों में छिपी उदासी ना समझ पाए। समझदारियाॅ॑ होकर भी हम नासमझ ही रह गए, बेबसी में मजबूरियों के ये जुदाई भी सह ...

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