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मैं भी थी पापा की प्यारी गुड़िया हँसती-खेलती आफ़त की पुड़िया। बड़े ही नाज़ो-नखरे से पली थी मैं अपने पापा की प्यारी परी थी मैं। मेरी मुस्कान उनकी थकान मिटाती न ...