लेखनी प्रतियोगिता -15-Feb-2022 - बाज़ार

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रिश्ते भरे बाजार में बिक रहे थे,  सब खड़े हुए बस देख रहे थे | कोई बचाने की नहीं सोच रहा था,  मोल भाव रिश्ते का हो रहा था | छोड़ ...

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