लेखनी कविता-15-Feb-2022

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*प्रकृति* सुबह सबेरे सूरज अपनी,      धरा पर प्रकाश फैलाये। पंछी की कलरव से       मन में मृदुल उमंग जगाये। फूलों से सजी फूलवारी,      हर पल ...

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