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काला बाजारी हर शख्स हो गया यहाँ व्यापारी, करने लगा देखो काला बाजारी। सबको अपना ही स्वार्थ दिखता है, न किसी को कोई अपना समझता है, हर तरफ फैल गयी सत्ता ...