वार्षिक लेखन प्रतियोगिता वृद्धावस्था

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जिंदगी की शाम बनके। आया है बुढ़ापा। तजुर्बों की लाठी चार्ज करके । आया है बुढ़ापा। जी ले अब तु मस्त जिंदगी। सतरंगी सपने लाया है । वक़्त नहीं था तेरे ...

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