चुनावी काव्य

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चुनावी काव्य *********** लोकतंत्र के पर्व की देखो स्वर्णिम बेला आई। मतदान करें और पुण्य कमाएं चूक ना जाना भाई।। भारत के सुन्दर संविधान ने हमको अधिकार दिया है। इसका हम ...

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