1 Part
150 times read
3 Liked
लो बारिश फिर से होने लगी जमीं को ये फिर से भिगोने लगी आज ही तो भुलाई थी सूरत तुम्हारी फिर याद आए तुम और आँख रोने लगी यादों के बीज ...