लेखनी प्रतियोगिता -18-Feb-2022

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होती हूँ जब भी तन्हा में एक साया सदैव साथ रहता है मेरे। कभी बहुत ग़मगीन भी हो जाऊं तब भी वो साया सामने आ जाता है मेरे। रोना चाहती हूं ...

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