उपन्यास-गोदान-मुंशी प्रेमचंद

121 Part

138 times read

1 Liked

गोदान--मुंशी भोला इधर दूसरी सगाई लाये थे। औरत के बग़ैर उनका जीवन नीरस था। जब तक झुनिया थी, उन्हें हुक़्क़ा-पानी दे देती थी। समय से खाने को बुला ले जाती थी। ...

Chapter

×