121 Part
148 times read
1 Liked
गोदान--मुंशी प्रेमचंद सहसा चुहिया ने आकर पुकारा -- गोबर का क्या हाल है, बहू! मैने तो अभी सुना। दूकान से दौड़ी आयी हूँ। झुनिया के रुके हुए आँसू उबल पड़े; कुछ ...