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गोदान--मुंशी प्रेमचंद खन्ना ने अधीर होकर कहा -- लेकिन हमारे सभी हिस्सेदार तो धनी नहीं हैं। कितनों ही ने अपना सर्वस्व इसी मिल को भेंट कर दिया है और इसके नफ़े ...