उपन्यास-गोदान-मुंशी प्रेमचंद

121 Part

134 times read

1 Liked

गोदान--मुंशी प्रेमचंद खन्ना ने अधीर होकर कहा -- लेकिन हमारे सभी हिस्सेदार तो धनी नहीं हैं। कितनों ही ने अपना सर्वस्व इसी मिल को भेंट कर दिया है और इसके नफ़े ...

Chapter

×