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मेरी खामोशी। ना जाने कौन से । गहरे तहखाने के। ओट में हो गयी हैं । मेरी खुशियाँ। हर बार ढूंढने की। कोशिश करती हूँ। फिर ज़रा । पलकों के झोंके ...