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गज़ल (एक प्रयास) पुराने खतों में आज भी तेरी तस्वीर नजर आती है, खूबसूरत यादों की परछाई ज़हन में नजर आती है | सुखा हुआ गुलाब नहीं रखा था मैंने उनमें, ...