कविता ःः खामोशियाँ भी कुछ कहती हैं

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कविता ःखामोशियाँ भी कुछ कहती हैं खामोशियाँ...!! हाँ ये भी तो कुछ कहती हैं फैली अंधियारी..और  खामोश रात... पसरे तारों संग कुछ तो कहती है.. नीला आसमान अपने नीले पंख पसारे.. ...

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