खामोशी

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आज जाने कैसी ये बरसात आई है  बस तेरी ही यादें अपने साथ लाई है  यूँ तो मौसम में अजीब सी खामोशी है घुली  पर ये हवाएं तेरी बातें भी साथ ...

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