कविताः सूर्यास्त दैनिक प्रतियोगिता

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कविताः सूर्यास्त अस्ताचल गामी होता सूरज प्रखरित रश्मियों को समेटते बतलाता है परिवर्तन ही जीवन है नश्वर संसार में बस एक ही सत्य है।। ** सूर्य चले अस्ताचल को देकर सबको ...

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