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कच्ची जमीन कच्ची जमीनजैसा मन है, कच्ची मिट्टी जैसा तन जैसे चाहो ढल जायेगा, जो चाहोगे बन जाएगा। कब मन बदले कब तन डोले कोई खबर नहीं है बचपन के इस ...