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कविता ःबचपन की दुनिया नीलगगन की परियाँ... काले रंग का पहन लबादा ओढ़े तारों भरी चुनरिया.. रेशम के पँख लगाकर कभी मेरे घर भी आया करो.. जादू भरी छड़ी घुमा कर ...