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मस्ती कहीं बाजार की मस्ती, कहीं उपहार की मस्ती। कहीं गीतों में ढलती है, सृजन की धार की मस्ती।। कहीं यौवन में ढलती है, तो इक इतिहास लिखती है। अनूठा रूप ...