"किसी की मुहब्बत का खून करके, अब तुम्हें मोहब्बत पाने का कोई हक नहीं रहा निमय शर्मा! तुमने मेरी मोहब्बत को मार डाला, इसलिए अब तुम्हें भी जीने का कोई हक ...

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