लेखनी प्रतियोगिता -26-Feb-2022

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धोखा  अपने ही अपनो से रुठ गए, न जाने क्यों बंधन टूट गए , खाया जो धोखा अपनो से, तीर के निशान काया पर लग गए ।   क्यों अपना बनकर ...

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