147 Part
116 times read
1 Liked
वानरों के समक्ष भयंकर महासागर विशाल लहरों से व्याप्त होकर निरन्तर गर्जना कर रहा था। समुद्र तट पर बैठ कर वे विचार विमर्श करने लगे। युवराज अंगद निराश हो कर बोले, ...