प्रेमा--मुंशी प्रेमचंद

38 Part

116 times read

1 Liked

दो-ढ़ाई घण्टे तक उस मकान में स्त्रियों का ठट्टा लगा रहा। मगर शाम होते-होते सब अपने घरों को सिधारी। त्योहार का दिन था। ज्यादा कैसे ठहरती। प्रेमा कुछ देर से मूर्छा ...

Chapter

×