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एक श्रृँगार का गीत आपकी नज़र गीत कह रहा है भ्रमर बनके मन वावरा, प्रीत के कुछ सुमन अब खिला जाईए,, मन के मंदिर का स्थान सूना पड़ा, प्रेम की बनके ...