लेखनी प्रतियोगिता -26-Feb-2022 हंसते ज़ख्म

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" माफ़ कीजिए, मैं जरा जल्दी में थी।" हां वही.... वही आवाज़ !! लगा कहीं बांसुरी बज उठी हो मनमोहक सी। वह भी जल्दी में था। अम्मी बीमार थी और रात ...

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